मणिपुर में भारी संख्या में सरकारी घातक हाथियारों की लूट, एक की मौत
मणिपुर में भारी मात्रा में सरकारी घातक हाथियारों की लूट हुई है। वहीं, एक जवान की मौत हो गई।
मणिपुर में जातीय हिंसा थमने का नाम नही ले रही है। इसी के चलते राज्य में शासकीय हाथियारों की भारी मात्रा में लूटपाट का मामला सामने आया है। लूटेरे पुलिस शस्त्रागार के अंदर घुसरकर हथियार और गोला-बारूद लूट कर ले गए। पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने बीते शुक्रवार को एक बड़ा बयान दे कर कहा कि, लूटेरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि, पूर्वोत्तर मणिपुर में स्थिति धीरे-धीरे सामन्य होती जा रही है। लेकिन कई इलाकों में छोटी-छोटी घटनाएं हो रही है।
इन घातक हथियारों की लूट
मीडिया को बयान देते हुए डीजीपी सिंह ने बताया कि, बिष्णुपुर जिलें के नारासीना स्थित द्वितीय इंडिया रिजर्व बटालियन (IRB) के मुख्यालय में घुसकर भीड़ ने घातक हाथियारों की लूट कर ली है। इस दौरान लूटेरे एके (AK) के साथ राइफल, विभिन्न बंदूकों की 19000 से अधिक गोलियां, एके सीरीज की एक असॉल्ट राइफल, 195 सेल्फ-लोडिंग राइफल्स, तीन घातक राइफल, 16.9 एमएम की पीस्तौल, पांच एमपी-4 बंदूक, 21 कार्बाइन, 124 हथगोले, 25 बुलेटप्रूफ जैकेट समेत तमाम हथियार ले गए है।
एक जवान की मौत
गुरूवार की रात को इंफाल के पश्चिम जिले के सेनजम जिरांग में अज्ञात बंदूकधारियों के साथ मुठभेड़ हुई। इस दौरान दोनों तरफ से गोलियां दागी गई। इसी के चलते मणिपुर राइफल्स के जवान तोरंगबाम ऋषिकुमार के सिर में गोली लग गई। उसके बाद बुरी तरह से घायल हो गए थे। कुछ ही देर के बाद उनकी मौत हो गई। 47 वर्षिय तोरंगबाम के दम तोड़ने के बाद शुक्रवार को श्रद्धाजलि देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीजीपी सिंह ने कहा कि, प्रदेश में छिटपूट घटनाएं होने के बाद भी स्थित कंट्रोल में है। इसी के साथ उन्होंने लोगों से अपील की है कि, सुरक्षाकर्मियों के साथ सहयोग करें। वहीं, मृतक के परिवार वालों को सहायता राशि देने की बात कही।
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मणिपुर हिंसा क्यों हुई
3 मई 2023 को मैतई समुदाय के लोग एसटी का दर्ज प्राप्त करने के लिए मार्च निकाल रहे थे। पहाड़ी जिलें मे बसे मैतई लोग 'आदिवासी एकजुटता' बेनर तले शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। अचानक दो समुदाय के बीच झड़प शुरू हो गई। इस दौरान 160 लोगों की मौत हो गई, जबकि हजारों लोग घायल हो गए थे। यही मामला शांत ही हो रहा था कि, कुछ दिन पहले ही 4 मई का एक वीडियो सामने आया।
इसमें तीन महिलाओं को बिना कपड़ों के परेड कराया जा रहा था। इसके बाद से एक बार फिर मणिपुर हिंसा का शिकार हो गया है। फिलहाल अधिकारियों का कहना है कि, प्रदेश के कई हिस्सों में शांति का माहौल है तो कही पर छिटपूट हिंसा हो रही है।
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