AAP Swati Maliwal Case: अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार के पास दो ऑप्शन, इन धाराओं में केस दर्ज
विभव कुमार ने भी दिल्ली पुलिस को स्वाति मालीवाल के खिलाफ शिकायत दी है, जिसमें उन पर जबरन घर में घुसने, सीएम सिक्योरिटी के साथ बदसलूकी करने और खतरा पैदा करने के आरोप लगाए हैं। यह शिकायत डीसीपी नार्थ डिस्ट्रिक्ट और एसएचओ सिविल लाइंस को भेजी गई है। हालांकि, अभी तक पुलिस ने इस पर संज्ञान नहीं लिया है। इससे पहले, स्वाति मालीवाल की शिकायत पर विभव के खिलाफ धारा 32, 506, 509 और 354 के तहत FIR दर्ज की गई थी।
आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में शुक्रवार को नए घटनाक्रम सामने आए हैं। मालीवाल ने मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया और इस घटना का एक कथित वीडियो भी सामने आया है। इस बीच, सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए विभव कुमार के लिए मुश्किलें बढ़ गई हैं, क्योंकि उनके खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है और गिरफ्तारी का खतरा मंडरा रहा है।
विभव कुमार के पास दो प्रमुख विकल्प हैं
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अग्रिम जमानत के लिए आवेदन: सीआरपीसी की धारा 438 के तहत, विभव अदालत में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं। यदि अदालत को विश्वास हो कि आरोपों में हेरफेर किया गया है या आरोपी के फरार होने का कोई जोखिम नहीं है, तो जमानत दी जा सकती है।
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एफआईआर को रद्द करने के लिए फाइल: यदि विभव को लगता है कि FIR के आरोप निराधार हैं, तो वह सीआरपीसी की धारा 482 के तहत FIR को रद्द करने के लिए अदालत में जा सकते हैं। हाई कोर्ट इस शक्ति का उपयोग संयमित ढंग से करती है, और आम तौर पर उन मामलों में जहां FIR को झूठा साबित करने वाले पर्याप्त सबूत हों।
विभव कुमार ने भी दिल्ली पुलिस को स्वाति मालीवाल के खिलाफ शिकायत दी है, जिसमें उन पर जबरन घर में घुसने, सीएम सिक्योरिटी के साथ बदसलूकी करने और खतरा पैदा करने के आरोप लगाए हैं। यह शिकायत डीसीपी नार्थ डिस्ट्रिक्ट और एसएचओ सिविल लाइंस को भेजी गई है। हालांकि, अभी तक पुलिस ने इस पर संज्ञान नहीं लिया है। इससे पहले, स्वाति मालीवाल की शिकायत पर विभव के खिलाफ धारा 32, 506, 509 और 354 के तहत FIR दर्ज की गई थी।
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यह मामला तब और तूल पकड़ गया जब गुरुवार को लखनऊ एयरपोर्ट पर विभव को अरविंद केजरीवाल के साथ देखा गया। इसके बाद, स्वाति मालीवाल ने शिकायत दर्ज कराने का फैसला किया। हालांकि, मुंबई पहुंचे केजरीवाल के साथ विभव नहीं दिखे।
यह मामला अब कानूनी लड़ाई की ओर बढ़ता दिख रहा है, जहां दोनों पक्ष अपने-अपने दावे और सबूत पेश करेंगे। विभव के लिए ये महत्वपूर्ण है कि वे जल्द से जल्द कानूनी प्रक्रिया अपनाएं, ताकि उनकी गिरफ्तारी टल सके। दूसरी ओर, स्वाति मालीवाल अपने आरोपों के साथ मजबूती से खड़ी हैं।
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