Weather Update : आफत की बारिश से मनुष्य का सिधा कनेक्शन, 10 साल पहले जैसी बन सकती है स्थिति, आपस में टकरा रही दो खतरनाक हवाएं
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊपर जाकर रूक गई है। जैसे 10 साल पहले केदारनाथ में 15-17 जून 2013 में तबाही देखने को मिली थी। वैसी स्थिति एक बार फिर से देखने को मिल सकती है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश के कुछ हिस्सों में लगातार भारी बारिश का कहर जारी है। इससे लोगों को कई मुश्किलों और भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। वहीं, कुछ क्षेत्र ऐसे भी है, जिनको हर साल बड़े पैमाने पर भारी बारिश की वजह से बाढ़, विनाश और भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं लोगों की जान भी जाती है। इस साल की बात की जाए तो पिछले दो दिनों में बेंगलुरू, चेन्नई, पुणे, कश्मीर, गुड़गांव, असम, केरल, मुंबई, बिहार समेत कई राज्यों में भारी बारिश की घटनाएं हुई है या फिर जारी है। इनके अलावा कई स्थानों पर बाढ़ का कहर अभी भी जारी है।
गौरतलब है कि, साल 2013 में उत्तराखंड के केदारनाथ में एक बड़ी घटना घटी थी। इसके बाद से ही हर साल देश की किसी न किसी हिस्से में बारिश की वजह से हादसा हो जाता है। इसके लिए लगातार मौसम विभाग के जानकारी लोगों को चेतावनी भी देते आ रहे है। जब केदारनाथ में हादसा हुआ था, उस समय हिमाचल प्रदेश की ऊपरी सतह पर तूफानी हवाओं का संगम हो रहा था। वहीं, स्थिति एक बार फिर से बनती हुई नजर आ रही है।
तबाही मचाने वाली हवाएं
मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, तबाही मचाने वाली हवाएं इस बार पश्चिमी विक्षोभ के साथ-साथ अरब सागर से चलने वाली घातक हवाएं देखने को मिली है। ये राजस्थान से चलते हुए पश्चिमी विक्षोभ के साथ मिल गई है। जो हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के ऊपर जाकर रूक गई है। जैसे 10 साल पहले केदारनाथ में 15-17 जून 2013 में तबाही देखने को मिली थी। वैसी स्थिति एक बार फिर से देखने को मिल सकती है।
बता दें, बीते दो दिनों से भारी बारिश इसलिए देखने को मिल रही है। इसकी वजह मानसूनी हवाएं और पश्चिमी विक्षोभ के मिलने से हो रही है। इस मिलन की वजह से भयंकर बारिश, बाढ़ और तबाही की स्थिति बनती है। इसके अलावा फ्लैश फ्लड, पहाड़ दरकते है, नदियों में सुनामी जैसी तेज लहरें चलती है, भूस्खलन जैसी की समस्याएं होती है। जो देश के कुछ इलाकों में देखने को मिल रही है।
आज इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, आज (10 जुलाई) उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा समेत कुछ राज्यों में भारी बारिश की आशंका जताई जा रही है। वहीं, कल (11 जुलाई) उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भयंनाक बारिश हो सकती हैं।
बीते शनिवार से इन दो राज्यों में भयंकर नुकसान
एक्टीव पश्चिमी विक्षोभ और मानसूनी हवाओं के संगम की वजह से उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश हो रही है। यह दौर बीते शनिवार से जारी है। इसकी वजह से जगह-जगह जलभराव हो गया है। इसके अलावा यहां की नदियां उफान पर भी है। साथ ही इन दोनों राज्यों में लोगों को बड़ी-बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, दोनों प्रदेशों को भयंकर नुकसान भी हो रहा है। इसी के साथ यहां पर रेड अलर्ट भी जारी कर दिया है।
भारत के अलावा इन देशों में भी बारिश का कहर
भारत के इलावा दूसरे देश में भी बारिश तबाही मचा रही है। बारिश का कहर पश्चिम जापान और पाकिस्तान में देखने को मिल रहा है। बता अगर पश्चिम जापान की जाए तो यहां पर मूसलाधार बारिश की वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गई और तीन लोग लापता हो गए है। वहां के अधिकारियों का कहना है कि, भारी बारिश की वजह से भूस्खलन और बाढ़ के खतरे को देखते हुए हजारों लोगों ने अपना घर छोड़ दिया है। वहीं, दूसरी तरफ पाकिस्तान में भी अगले 24 से 48 घंटों में गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना बन रही है।
क्या मनुष्य जिम्मेदार है भारी बारिश का
वैज्ञानिकों के मुताबिक, इंसान की वजह से ग्लोबल वार्मिंग होता है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि, जलवायु परिवर्तन जल चक्र की वाष्पीकरण अधिक मात्रा में हो रहा है। इससे बारिश की स्थिति बिगड़ जाती है। जैसे ही हवा गर्म होती है, जल वाष्प ज्यादा होता है। यानी मिट्टी, पौधों, महासागरों और जलमार्गों से अधिक पानी वाष्पित हो जाता है - यह वाष्प बन जाता है। अतिरिक्त जल वाष्प का मतलब है कि भारी बारिश के लिए पानी तैयार हो रहा है।
आखिर आपस में क्यों मिलती है ये हवाएं
ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ रीडिंग के कीरन एमआर हंट के मुताबिक, भारत में दो हवाओं के खतरनाक मिलन को लेकर एक रिसर्च लिखा था। उनके मुताबिक इन संगमों की वजह लगातार बढ़ती गर्मी है, उन्होंने ये भी लिखा था कि आने वाले समय में गर्मी की मार झेल रहे देशों में हवाओं का ये मिलन देखने को मिल सकता है। इससे अचानक भारी बारिश का खतरा भी पैदा होगा, क्योंकि ये हवाएं पहाड़ियों से टकराती हैं और बहुत तेजी से ऊपर उठती हैं जिससे भारी बारिश होती है।
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?