Space News: भारत के लोग जब अंतरिक्ष में जाएंगे तो कैसा होगा रहना और खाना, पढ़े पूरी डिटेल
जब भी आपके मन में अंतरिक्ष की बाते आती है तब सबसे पहले राकेश शर्मा का नाम जबान पर आ जाता है। उन्होंने सबसे पहले 1984 में अंतरिक्ष में अपना कदम रखा था।
Space News: जब भी आपके मन में अंतरिक्ष की बाते आती है, तब सबसे पहले राकेश शर्मा का नाम जबान पर आ जाता है। उन्होंने सबसे पहले 1984 में अंतरिक्ष में अपना कदम रखा था। राकेश शर्मा ने वहा 7 दिन 21 घंटे और 40 मिनट का समय बताया था। अब एक बार फिर 40 साल बाद अंतरिक्ष में जाने की बाते होने लगी है। अब सबके मन में एक ही सवाल उठता है कि, उस समय राकेश शर्मा ने किन परिस्थितियों का सामना किया था। वही अब अगर कोई भारत का निवासी अंतरिक्ष में जाएगा तो वहां अंतरिक्ष में कैसे खुद को सुरक्षित रखेगा। इसके अलावा वहां पर खाने पीने से लेकर इंसान की हर एक्टिविटी की चिंता होती हैं। क्योंकि आम जनता को ये जानने की बड़ी उत्सुकता रहती है। आइए जानते है....
स्पेस में जाने से पहले अंतरिक्ष को समझे
अंतरिक्ष में जाने से पहले हर यात्री को ये सभी जरूरी जानकारी जान लेना बेहद जरूरी होती है। अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों के लिए वहां रहना चुनौती भरा होता है। यात्री वहा खुद का वजन भी महसूस नहीं कर पाते है। इसलिए वहां रखा हर सामान हवा में उड़ता रहता है। सोने के लिए भी यात्रियों को एक स्लीपिंग बैग रखा होता है। यात्री को उस स्लीपिंग बैग में ही पैक होकर सोना पड़ता है। इस बैग की मदद से वह एक जगह पर टिका रहता है। बता दें, स्पेस में माइक्रो ग्रेविटी की वजह से लोगों का रहना ओर खाने पीने का तरीका अलग होता है। इसलिए यात्री अपने साथ स्पेस में कुछ विशेष प्रकार के व्यंजन ले जाते है।
अंतरिक्ष में भारतीय गए तो क्या होगा
अंतरिक्ष रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेस में अब खेती भी की जा रही हैं। काफी समय पहले स्पेस में एक मिर्ची का पौधा भी लगाया गया था। इससे ये मालूम होता है कि, वहां पर जीवन शैली भी बेहतर हो गई है। स्पेस में यात्री को सीमित खाना ही ले जाना पड़ता है। जो की वजन के हिसाब से होता हैं। ऐसे में अगर कोई भारतीय अंतरिक्ष में जाता हैं तो उसे सीमित मात्रा में ही खाना मिलेगा।
Read More : Socks Side Effects: रात में मोजे पहनने वाले हो जाए सावधान, इन गंभीर बिमारियों के हो सकते है शिकार
स्पेस में ब्रश करना और मल मूत्र कैसे करना
जब आप स्पेस में होते है, तो आपको ब्रश करना इस तरीके से करना होता है क्योंकि ब्रश में पेस्ट लगाने के बाद टूथ पेस्ट हवा में तैरता नहीं हैं क्योंकि पेस्ट काफी स्टिकी भी होता है। इसके अलावा मनुष्य का सबसे महत्वपूर्ण कार्य रहता हैं जो की मल मूत्र त्यागना। ये बड़ी समस्या होती है। ऐसे में स्पेस में एक छोटी सी टॉयलेट सीट होती है। उसी में अंतरिक्ष यात्री को टॉयलेट करना होता हैं। उनको इस्तेमाल करने के लिए पानी का भी खास ख्याल रखना पड़ता हैं। इसके लिए टॉवेल नेपकिन का ही ज्यादातर इस्तेमाल होता है।
आपकी प्रतिक्रिया क्या है?