Rakshabandhan 2023 : किस दिन मनाया जाएगा रक्षाबंधन, यहां देखें शुभ मुहूर्त, 700 साल बाद आई ये शुभ घड़ी, जानें

rakhi muhurat: राखी का त्योहार श्रावण पूर्णिमाके दिन मनाया जाता हैं। इस साल मनाए जाने वाले राखी किस दिन पड़ रही हैं। सभी इसी उलझन में है की कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन का त्योहार।

अगस्त 28, 2023 - 13:36
अगस्त 28, 2023 - 14:23
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Rakshabandhan 2023 :  किस दिन मनाया जाएगा रक्षाबंधन, यहां देखें शुभ मुहूर्त, 700 साल बाद आई ये शुभ घड़ी, जानें

Rakhi 2023: रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं। इस साल मनाए जाने वाले राखी किस दिन पड़ रही हैं। सभी इसी उलझन में है। चलिए आज हम इस आर्टिकल में बताने जा रहे है कि, राखी का ये पावन पर्व 30 को है या 31 को। इस साल राखी दो दिन मनाई जाएगी, क्योंकि राखी वाले दिन भद्रा का साया होने की संभावना है। ऐसे में लोगों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं। अब ऐसे में राखी बांधने के लिए आपको शुभ मुहूर्त का थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल, इस साल सावन की पूर्णिमा 30 और 31 अगस्त 2023 दोनों दिनों तक रहेगी। बताते चले की ये शुभ अवसर 700 साल के बाद आया है। इसमें पंच महायोग भी संयोग बनने वाला हैं। 

किस दिन राखी का है शुभ मुहूर्त

हिंदी पंचाग के मुताबिक, बुधवार यानि 30 अगस्त को पूर्णिमा सुबह 10.58 बजे से शुरू हो जाएगी और रात 9.01 बजे तक भद्रा का साया रहेगा। ऐसी मान्यता है कि, भद्रा के वक्त राखी बांधना अशुभ माना जाता हैं। ऐसे में 30 अगस्त को आपके लिए राखी बांधने का सही समय रात्रि 9.01 बजे के बाद ही उचित समय है। इस समय के बाद कभी भी बांध सकते हैं। इसलिए 31 अगस्त को राखी बांधना सबसे शुभ मुहूर्त है। लेकिन इस बात का ध्यान रहे की 31 अगस्त को राखी बांधने का समय सुबह 7.05 बजे तक ही है। क्योंकि इस दिन भी पूर्णिमा की तिथि सुबह 7.05 बजे तक है।

राखी बांधने का तरीका

रक्षाबंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। इतना ही नही उसकी लम्बी उम्र के लिए भगवान से प्रार्थना भी करती है। इसके बदले में भाई भी बहन की रक्षा करने का वचन देता हैं। रक्षाबंधन के दिन पूरी विधि से राखी को बंधना चाहिए। इससे आपके भाई के जीवन में सुख समृद्धि शांति आती हैं।

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ऐसे में आपको सबसे पहले स्नान करना चाहिए। उसके बाद सबसे पहली राखी परम पूज्य श्री गणेश जी को राखी बांधे। इसके बाद अपने भाई के सिर पर एक रुमाल रखने को दें। इसके बाद बहन अपने भाई के माथे पर अक्षत और रोली से तिलक करें। उसके बाद भाई की कलाई पर राखी बांध दें। भाई की आरती उतारें और मीठा मुंह करें और उसके बाद भाई अपनी बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लें।

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