मोहन यादव सीएम पद संभालने के बाद निभा पाएंगे ये जिम्मेदारियां, कितना है मुश्किल
तीसरी बार उज्जैन दक्षिण सीट से विधायकी का चुनाव जीते है। सीएम बनते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ की तर्ज पर काम करते नजर आए। उन्होंने सबसे पहले मीट की दुकानें बन करने का फरमान जारी किया। इतना ही नहीं सीएम मोहन यादन ने उज्जैन की सभी दुकानों पर बुलडोजर चलाव दिया है। जिनके वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गए है।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बना ली है। इसके साथ प्रदेश के नए मुख्यमंत्री का भी चयन कर लिया है। नए सीएम की घोषणा करते हुए भाजपा ने सारे राजनीतिक जानकारों और राज्य की जनता को चौका दिया है। दो बार के विधायक और सीएम शिवराज की सरकार में रहे शिक्षा मंत्री मोहन यादव को एमपी का नया सीएम बनाया गया है। उन्हें 13 दिसंबर को राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने सीएम पद और गोपनियता की शपथ दिलाई।
बता दें, वे तीसरी बार उज्जैन दक्षिण सीट से विधायकी का चुनाव जीते है। सीएम बनते ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ की तर्ज पर काम करते नजर आए। उन्होंने सबसे पहले मीट की दुकानें बन करने का फरमान जारी किया। इतना ही नहीं सीएम मोहन यादन ने उज्जैन की सभी दुकानों पर बुलडोजर चलाव दिया है। जिनके वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गए है।
सीएम मोहन यादव के सामने खड़ी ये चुनौतियां
- मोहन यादव के सीएम बनते के बाद सबसे बड़ी और पहली चुनौती मंत्रिमंडल का विस्तार करना।
- नई सरकार में भाजपा के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय, नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटेल को क्या जिम्मेदारी मिलेगी। या फिर इस बार भी उनको नाजार होना पड़ेगा।
- गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश पर करीब 3.31 लाख करोड़ रूपये का संचित कर्ज है। जो प्रति व्यक्ति 41 हजार रुपये होता है.
- चुनाव अभियान के दौरान लाडली बहना योजना ने पार्टी को बहुमत दिलाने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उसे जारी रखा जाएगा। बता दें, इस योजना के तहत राज्य की 1 करोड़ 3 लाख महिलाओं को हर महीने 1250 रूपये उनके बैंक खातें डाले जाते थे। जो प्रदेश के खर्चे में 11 हजार करोड़ रूपये का अतिरिक्त भार शामिल है।
- क्या प्रदेश वाशियों को रसोई गैस सिलेंडर पर भी सब्सिडी दी जाएगी। जो भाजपा ने अपने वादों की सूची में शामिल किया था।
- किसानों की बात करें तो उनके लिए भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में गेहूं की खरीद 2700 रूपये क्विंटल और धान की खरीद 3100 रूपये प्रति क्विंटल पर लेने की बात कहीं थी।
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ऐसे कई वादें किए थे। लेकिन ये कब से लागू करेगे। इसके बार में नहीं बताया था। एमपी पर कर्ज होने के बाद इन योजना को जल्द लागू नहीं करती है तो आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा को हानि हो सकती है। वहीं, सीएम मोहन यादव को सामने भी ये सबसे प्रथमिक चुनौतियां मुह बाय खड़ी है।
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