Mobile Tariff Plan: मोबाइल रिचार्ज महंगे होने पर सरकार ने तोड़ी चुप्पी, क्या सस्ते हो जाएंगे दाम
सरकार मोबाइब टैरिफ की दरों के निर्धारण में दखल नहीं देती है। आगे उनकी तरफ से कहा गया कि, अभी भारत में मोबाइल सेवाएं दुनिया के प्रमुख देशों की तुलना में सस्ती है। देश में मोबाइल कंपनियां नियामक ट्राई द्वारा तय किए गए ढांचे के तहत दरें तय करती है। वहीं, सरकार फ्री मार्केट के निर्णयों में दखल नहीं देती है।
Mobile Recharge New Plan: देश भर में तीन जुलाई से मोबाइल टैरिफ महंगे हो गये है। उसके बाद से ही विपक्ष लगातार सरकार को घेरे हुए है। हंगामे की बीच इस मसले पर सरकार ने चुप्पी तोड़ते हुए जबाव दिया। गौरतलब है कि, घरेलू बाजार में 1 सरकारी और तीन प्राइवेट कंपनियां काम कर कर रही है। दूरसंचार कंपनियों ने 11 से 25 प्रतिशत तक टैरिफ में बढ़ोत्तरी की है। इसकी वजह से मोबाइल यूजर्स के जेब पर अधिक खर्च एड हो जाएंगा। इसी को देखते हुए सरकार ने क्या कहा, आइए जानते है.....
क्या सरकार लगाम लगाएंगी बढ़े हुए टैरिफ पर
संचार मंत्रालय के दूरसंचार विभाग ने बढ़े टैरिफ को लेकर शुक्रवार को एक बयान जारी किया। सरकार मोबाइब टैरिफ की दरों के निर्धारण में दखल नहीं देती है। आगे उनकी तरफ से कहा गया कि, अभी भारत में मोबाइल सेवाएं दुनिया के प्रमुख देशों की तुलना में सस्ती है। देश में मोबाइल कंपनियां नियामक ट्राई द्वारा तय किए गए ढांचे के तहत दरें तय करती है। वहीं, सरकार फ्री मार्केट के निर्णयों में दखल नहीं देती है। फिलहाल तीन प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां रिलायंस जियो (Reliance Jio), भारतीय एयरटेल (Bharti Airtel) और वोडाफोन आइिडया (Vodafone Idea) ने महीने के प्लान में बढ़ोतरी की है।
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इन बातों को ध्यान में रखते हुए मोबाइल टैरिफ में हुआ बदलाव
बयान के मुताबिक, मोबाइल टैरिफ दरों की निगरानी ट्राई करता है। बीते दो सालों में भारत में मोबाइल टैरिफ में कोई बदलाव नहीं हुआ है। वहीं, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स ने देश भर में 5जी सेवाएं भी शुरू कर दी है। इससे औसत मोबाइल स्पीड बढ़कर 100 एमबीपीएस के स्तर पर पहुंच गई है। वहीं, इसके लिए भारी निवेश भी किया गया है।
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