Manipur news viral video: मणिपुर में नग्न अवस्था में घुमाने के मामले में पांच आरोपी गिरफ्तार, पूर्व सैनिक की पत्नि को किया निर्वस्त्र
मणिपुर हिंसा के दौरान आदिवासी महिलाओं के अपहरण से पहले हुई तबाही के बारें में बताया गया है। इसके अलावा महिलाओं के साथ हुई शर्मसार करने वाली घटना का भी जिक्र है।
Manipur horror: मणिपुर में 19 जुलाई को वायरल वीडियो के मामले में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस वीडियो में दो महिलाओं को बिना कपड़ों के गांव से लेकर खेत तक घुमाते हुए देखा जा रहा है। इस संबंध में चार आरोपियों को 20 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, एक आरोपी को आज यानी शनिवार को गिरफ्तार किया है। बता दें, पकड़े गए चार आरोपियों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
पुलिस के मुताबिक, वायरल वीडियो के मामले में शनिवार को एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जिसकी पहचान 19 वर्षीय युवक के रूप में हुई है। 4 मई को भीड़ ने कथित तौर पर दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके उन्हें पूरे गांव व खेत में परेड करवाई थी। पहले जिन आरोपियों को पकड़ा था, उन्हें 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
पूर्व सैनिक की पत्नि को किया निर्वस्त्र
19 जुलाई को वीडियो वायरल हुआ था। वह 26 सेकंड का है, जो कांगपोकपी जिले के बी. फेनोम गांव का है। पुलिस के अनुसार, वायरल वीडियो में दो महिलाएं दिख रही है। उनमें से एक पूर्व सैनिक की पत्नि है। जिसने भारतीय सेना में असम सेजिमेंट में सूबेदार के पद पर काम किया था। उन्होंने कारगिल युद्ध की लड़ाई भी लड़ी थी। इस वीडियो की शिकायत एक महीने पहले 21 जून को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस थाने में दर्ज है।
बता दें, इस मामले में दर्ज एफआईआर (FIR) न्यूज एजेंसी पीटीआई (PTI) ने भी देखी है। एफआईआर में दर्ज है कि, आदिवासी महिलाओं के अपहरण से पहले हुई तबाही के बारें में बताया गया है। इसके अलावा महिलाओं के साथ हुई शर्मसार करने वाली घटना का भी जिक्र है। इस घटना का वीडियो और एफआईआर के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है।
बहन का न हो बलात्कार, मार दिया भाई को
जिन आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार और दुर-व्यवहार किया जा रहा था। उनमें जिस व्यक्ति की हत्या कर दी थी। वह व्यक्ति अपनी बहन को भीड़ से बचाने के लिए उनका विरोध कर रहा था। लेकिन भीड़ ने बड़ी बेरहमी से उसे मौत के घाट उतार दिया। उसके बाद दोनों महिलाओं को कपड़े उतारकर गांव की सड़कों से लेकर खेत तक घुमाया। इनमें एक 19 साल की महिला भी थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उस महिला के साथ गैंगरेप भी किया गया था। घटना के समय दो महिला नही, बल्कि तीन महिलाएं थे।
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160 से ज्यादा लोगों की गई जान
मणिपुर में 3 मई 2023 को जातीय हिंसा भड़कने से 160 से ज्यादा लोगों की जान चली गई है। हजारों लोग घायल हुए है। ये हिंसा मैतई समुदाय अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्ज पाने के लिए मांग कर रहे थे। उन्होंने पहाड़ी जिलों में "आदिवासी एकजुटता मार्च" निकाल रहे थे। प्रदेश में मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 फिसदी है, जो अधिकांश इम्फाल घाटी में बसते है। वहीं, आदिवासी नागा और कुकी की आबादी लगभग 40 प्रतिशत है। ये समुदाय ज्यादातर पहाड़ी जिलों में अपना जीवन-यापन करते है।
फास्ट-ट्रैक कोर्ट में न्याय की मांग
राज्य के नागा समूह ने तत्काल न्याय की मांग कर रहा है। इनके अलावा प्रदेश में शक्तिशाली यूनाइटेड नागा काउंसिल (UNC), ऑल नागा स्टूडेंट्स एसोसिएशन मणिपुर (ANSAM) और पीपुल्स फ्रंट समेत प्रदेश के कई नागा नागिरक समाज संगठन इस हिंसा की कड़ी निंदा कर रहे है। वहीं, 4 मई को महिलाओं के साथ हुए कुकृत्य की जल्द से जल्द न्याय दिलाने की मांग कर रहे है।
यूएनसी ने कहा कि, मणिपुर सरकार इस मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाकर तुरंत निधान करें। इस अमानवीय अपराध के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाना चाहिए और अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा देना चाहिए।
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