मध्य प्रदेश में भाजपा की बड़ी जीत का ताज किसके नाम, नरेंद्र मोदी या शिवराज
तमाम न्यूज चैनलों और समाचार पत्रों का अध्ययन करने पर एक बात सामने आई की सीएम शिवराज के 18 साल के कार्यकाल से प्रदेश की जनता खुश नहीं है। साथ ही आलाकमान भी गुस्सा है। ये बात तमाम राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकारों ने कहीं थी। ऐसे में भाजपा ने शुरूआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मदी के चेहरे पर ही प्रचार किया।
MP Election Result: मध्य प्रदेश में भाजपा (BJP) ने कांग्रेस (Congress) को हराते हुए बड़ी जीत हासिल कर ली है। राजनीतिक जानकारों का मानना था कि, कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर होने वाली है। लेकिन 3 दिसंबर 2023 को जब रिजल्ट आया तो वह चौंकाने वाला था। बीजेपी ने 164 सीटों पर जीत हासिल की तो वहीं, कांग्रेस 64 सीटों पर ही जीत पाई। इतना बड़ा बहुमत मिलने पर अब ये सवाल सबसे मन में उठ रहा है कि, आखिर की कारण से भाजपा ने इतनी बड़ी जीत हासिल की है। और जीत का ताज किसके नाम होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम होगा। इस जवाब की तलाश में खबर हिंदी जगत ने कई न्यूज पोर्टल और तमाम न्यूज चैनल के अध्यन करना शुरू किया तो ये बड़ी जानकारी हाथ लगी है।
भाजपा शिवराज से क्यों ना खुश (Why is BJP not happy with Shivraj?)
चुनाव होने से कुछ समय पिछे जाएं तो तमाम राजनीतिक विश्लेषकों (political analysts) ने कहा था कि, राज्य में एंटी इनकंबेंसी (सत्ता विरोधी लहर) की बात कही जा रही थी। साथ ही ये भी कहा जा रहा था कि, वर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान से लोग ना खुश है। वहीं, भाजपा ने अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी करने का सिलसिला शुरू किया तो तीसरी सूची तक सीएम शिवराज का नाम नहीं था। लेकिन जैसे ही चौथीं सूची जारी की गई तो उसमें बुधनी से सीएम शिवराज को उम्मीद्वार बनाया गया।
भाजपा ने मोदी के चेहरे पर ही क्यों किया प्रचार (Why did BJP campaign on Modi's face only?)
तमाम न्यूज चैनलों और समाचार पत्रों का अध्ययन करने पर एक बात सामने आई की सीएम शिवराज के 18 साल के कार्यकाल से प्रदेश की जनता खुश नहीं है। साथ ही आलाकमान भी गुस्सा है। ये बात तमाम राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकारों ने कहीं थी। ऐसे में भाजपा ने शुरूआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मदी के चेहरे पर ही प्रचार किया। जो एमपी भाजपा के एक्स हैंडल (ट्वीटर) भी दिखाई दे रही है। वहीं, चौथीं सूची में भाजपा के दिग्गज नेता का नाम आना। इससे ये साबित होता है कि, शिवराज के खिलाफ एंटीइन्बेंसी है। इसके कारण भाजपा ने नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव लड़ा।
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पूरे प्रचार के दौरान एक भी बार पीएम मोदी ने शिवराज सिंह का नाम नहीं लिया था। वहीं, अगर राज्य में भाजपा की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा। उसके बारें में भी बता नहीं हुई थी। उनके अलावा गृह मंत्री अमित शाह से भी पूछा गया कि, सीएम का चेहरा कौन होगा, तो उन्होंने कहा कि, जीत के बाद ये फैसला हाई कमान लेगा।
शिवराज के इस फैसले का चला जादू
शिवराज सरकार 5 मार्च 2023 को लाडली बहना योजना लाई थी। जो मिल का पत्थर साबित हुई। वहीं, पीएम मोदी ने ग्रामीण आदिवासी इलाको में जमकर प्रचार किया तो वहीं, दूसरी ओर अमित शाह ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके अलावा सीएम शिवराज ने भी प्रदेश का ऐसा कोई जिला नहीं छोड़ा था, जहां पर उन्होंने प्रचार नहीं किया। सभी बड़े नेताओं ने बड़ी-बड़ी रैलिया की और जोरदार प्रचार किया। इसी के चलते भाजपा सरकार बनाने में काबिज हुई है। लेकिन अभी भी बीजेपी के सामने एक सवाल खड़ा है और जनता भी आस लगाए बैठी है कि, राज्य का मुखिया कौन होगा।
दूसरी ओर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि, 2024 में लोकसभा के चुनाव होना है। अगर भाजपा शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री बना देती है तो उसको और फायदा हो सकता है। क्योंकि शिवराज वोटर्स को साधने के लिए मिल का पत्थर साबित हो सकते है।
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