Election: देशभर में एक ही बार में होंगे चुनाव, बनाई कमेटी, क्या विधानसभा के चुनाव हो जाएंगे खत्म, जानिए
मोदी सरकार ने एक देश एक चुनाव को लेकर एक कमेटी का गठन कर दिया है। इसके अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे। साथ ही हो सकते है कई बड़े बदलाव।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने 18-22 सितंबर के बीच एक विशेष सत्र बुलाया है। इसमें संभावना जताई जा रही है कि, एक देश एक चुनाव को लेकर केंद्र सरकार बिल ला सकती है। वहीं न्यू एजेंसी पीटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, एक देश एक चुनाव कराने के लिए सरकार ने एक कमेटी का गठन भी कर दिया है। इसका अध्यक पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को बनाया गया है। जल्द ही इसका नोटिफिक भी जारी कर दिया जाएगा। वहीं, विशेष सत्र में इस इस बिल पर मुहर लग जाएगी तो यह लागू भी हो जाएगा।
क्या होता है एक देश एक चुनाव
एक देश एक चुनाव का मतलब होता है कि, देशभर में एक साथ लोकसभा और विधानसभा के चुनाव हो। आजादी के बाद से साल 1952, 1957, 1962, और 1967 में लोकसभा और राज्यों के चुनाव हुए थे। लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग हो गई थी। उसके बाद 1970 में लोकसभा को भी भंग कर दिया था। इसकी वजह से अबतक लोकसभा और विधानसभा के चुवान एक साथ नही हुए है। लेकिन मोदी सरकार एक बार फिर से ये करने जा रही है।
विशेष सत्र में बन रही है ये 5 संभावनाएं
- संसद में महिलाओं को लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करना।
- नए संसद भवन में शिफ्टिंग भी हो सकती है।
- यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पेश कर सकते है।
- लोकसभा औ विधानसभा के चुनाव एक साथ होने पर मुहर लग सकती है।
- रोहिणी आयोग ने 1 अगस्त को राष्ट्रपति को आरक्षण से संबंधित एक रिपोर्ट सौंपी थी। उसको लेकर प्रावधान की संभावना बन रही है। बता दें, इस रिपोर्ट में ओबीसी की केंद्रीय सूची के उप-वर्गीकरण आरक्षण के असमान वितरण के लिए आयोग ने 2017 में अच्छे से अध्ययन किया था।
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