Delhi AIIMS को तय समय पर करवानी होंगी डिलीवरी, गर्भवती महिला को SC से नही मिली इजाजत 

AIIMS अस्पताल तय समय पर डिलीवरी करवाएगा। इसके साथ ही सरकार को आदेश जारी करते हुए कहा कि, महिला की सहायता सरकार करेंगी। वही अगर प्रसव प्रक्रिया एवं माता-पिता किसी को बच्चा गोद देना चाहते है तो उसकी पूरी मदद सरकार करेंगी। 

अक्टूबर 16, 2023 - 17:25
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Delhi AIIMS को तय समय पर करवानी होंगी डिलीवरी, गर्भवती महिला को SC से नही मिली इजाजत 
Supreme Court

दिल्ली में दो बच्चे के मां 26 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करना चाहती है। इसके लिए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका भी दायर की थी। लेकिन सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए इजाजत नही दी है। 

फैसले के दौरान क्या कहा SC ने

कोर्ट एम्स की रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि, बच्चे में कोई असामान्यता नही है। अस्पताल तय समय पर डिलीवरी करवाएगा। इसके साथ ही सरकार को आदेश जारी करते हुए कहा कि, महिला की सहायता सरकार करेंगी। वही अगर प्रसव प्रक्रिया एवं माता-पिता किसी को बच्चा गोद देना चाहते है तो उसकी पूरी मदद सरकार करेंगी। 

केंद्र सरकार की याचिका पर फैसला

इस मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला की पीठ कर ने की है। पीठ ने दो बच्चों की माता को 26 हफ्ते का गर्भ समाप्त नही करवाने का आदेश दिया है। यह फैसला शीर्ष अदालत ने 9 अक्टूबर के आदेश को वापस लेने की केंद्र सरकार की याचिका के तहत सुनाया है। इस मामले में कोर्ट ने एम्स अस्पताल के चिकित्सकीय बोर्ड को 13 अक्टूबर को भ्रुण के संबंध में जांच रिपोर्ट देने को कहा था। महिला के भ्रुण में किसी प्रकार की कोई विकृति तो नही है।   

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आगे पीठ ने बोर्ड को यह भी कहा था कि, क्या कोई ऐसा साक्ष्य मिलता है या संकेत कि, याचिकाकर्ता की गर्भावस्था उसे कथित तौर पर उस अवस्था में दी जाने वाले दवाइयां, जो पीड़िता के लिए खतरा बना जाएं। 

24 सप्ताह में गर्भपात

गर्भ का चिकित्सकीय समापन (MTP) अधिनियम के मुताबिक, गर्भपात (abortion) के लिए समय सीमा विवाहित महिलाओं, बलात्कार पीड़िताओं, विशेष श्रेणियों, विकलांग और नाबालिगों 24 हफ्ते के पहले तक करवा सकते है। पीठ ने इस अधिनियम के तहत 12 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए कहा कि, हम बच्चे को नही मार सकते है। साथ में उन्होंने कहा कि, एक अजन्मे बच्चे के अधिकारों और मां के बीच संतुलन स्थापित करने की जरूरत है। 

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