CAA पर 9 अप्रैल को होगी सुनवाई, SC बोला- इस दौरान नागरिकता ना दी जाए
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार दोपहर को नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के लागू होने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने सरकार को लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले अधिसूचित कानून को चुनौती देने वाली करीब 200 से ज्यादा
सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने मंगलवार दोपहर को नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के लागू होने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अदालत ने सरकार को लोकसभा चुनाव से कुछ दिन पहले अधिसूचित कानून को चुनौती देने वाली करीब 200 से ज्यादा याचिकाओं पर जवाब देने के लिए 8 अप्रैल तक का समय भी दिया है।
'मैं कोई बयान नहीं दे रहा हूं' (I am not making any statement)
इसके अलावा, याचिकाकर्ताओं को उस तारीख से पहले किसी व्यक्ति को नागरिकता प्रदान किए जाने पर संपर्क करने की अनुमति दी गई थी। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और इंदिरा जयसिंह दोनों ने यह विनती की है, जैसा कि सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने कहा, "मैं कोई बयान नहीं दे रहा हूं"।
'चार सप्ताह का समय मांगा था' (asked for four weeks' time)
श्री मेहता ने मूल रूप से याचिकाओं पर जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा था। उन्होंने अदालत से कहा, "हमें 237 याचिकाओं के गुण-दोष के आधार पर एक विस्तृत हलफनामा दायर करना होगा। 20 अंतरिम आवेदन पहले ही दायर किए जा चुके हैं और कई पाइपलाइन में हैं। वास्तविक रूप से, हमें चार सप्ताह चाहिए।"
'अगली सुनवाई 9 अप्रैल को तय की गई' (Next hearing fixed for April 9)
इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा ने की है। इस कानून के विरोध में याचिकाकर्ताओं में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और विपक्षी नेता कांग्रेस के जयराम रमेश और तृणमूल की महुआ मोइत्रा भी शामिल हैं। कोर्ट के मुताबिक, इस मामले में अगली सुनवाई 9 अप्रैल को तय की गई है। 2019 में, नागरिकता विधेयक को संसद द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद, कई चुनौतियाँ दायर की गईं।
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