गलवान में हिंसा के बाद भारत ने बनाया आर-पार का मन, मोर्चे पर 90 टैंक और 65 हजार सैनिक एयरलिफ्ट

तीन साल पहले 15 से 16 जून की रात को भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच गलवान घाटी में LAC पर हिंसा हुई थी। इस हिंसा में भारत के कमांडर के साथ 20 जवान भी शहीद हो चुके थे।

अगस्त 16, 2023 - 11:48
अगस्त 16, 2023 - 14:13
 0
गलवान में हिंसा के बाद भारत ने बनाया आर-पार का मन, मोर्चे पर 90 टैंक और 65 हजार सैनिक एयरलिफ्ट

तीन साल पहले 15 से 16 जून की रात को भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच गलवान घाटी में LAC पर हिंसा हुई थी। इस हिंसा में भारत के कमांडर के साथ 20 जवान भी शहीद हो चुके थे। अब इस हिंसा का नया अपडेट आया है। आपको बता दें गलवान में करीब 3 साल पहले भारत ओर चीनी सेना के बीच हिंसा की झड़प हुई थी, इस पर एक नया अपडेट देखने को मिल रहा है। 

क्या हुआ था गलवान की हिंसा में 

करीब 3 साल पहले 15 से 16 की भारत ओर चीनी के बीच हिंसा की एक बड़ी झड़प हुई थी। जिसके चलते भारतीय सेना के 20 जवान उस हिंसा में मारे गए थे, हालांकि इस हिंसा में चीनी सेना के कितने जवान शहीद हुए थे, इसकी जानकारी अभी तक नही मिल पाई है। भारत के नौजवानों ने ये बताया था कि इस झड़प में चीनी सैनिकों के लोगों की भी हताहत हुए थे। इसके बाद में चीनी ने इस हिंसा ने उनके 4 जवान शहीद हुए थे।

हिंसा में नदी में बह गए जवान

दरअसल ऑस्ट्रेलिया के एक न्यूज पेपर "द क्लेक्जन" में एक खबर छपी थीं, कि चीनी सैनिकों के 38 जवान नदी में बह गए थे। उस रिपोर्ट में चीनी सोशल मीडिया के Weibo में बताया गया था। उस रात में करीब 380 सैनिक नदी में बह गए थे। ये झड़प किस वजह से हुई थी इसके बारे में अभी तक सारे राज चीनी के बीजिंग ने छुपाए गए है।

एयरलिफ्ट करने के लिए कई ऑप्शन

आपको बता दें वायुसेना के पास  अब हथियारों को एक जगह से दूसरे जगह पर ले जाने के लिए कई ऑप्शन आ चुके है। दरअसल चिनुक हेलीकॉप्टर को एक स्थान से दूसरे स्थान से जल्दी ले जाया सकता है। भारत ओर चीनी के सैनिक पूर्वी लद्दाख के कई जगहों पर तीन साल पहले आमने सामने हिंसा हुई थी। इसमें दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य बातों के बाद अब सैनिकों को वापस बुला लिया था। इस LAC में भारत ओर चीनी दोनों की तरफ से 50 से 60 हजार जवान तैनात किए गए थे।

Read More : एशिया कप 2023 में किंग कोबरा ने बढ़ाई खिलाड़ियों की मुश्किलें, जानें कैसे खेला जाएगा मैच

चीनी सैनिकों पर थी नजर

इस हिंसा में तैनात किए गए SU -30 MKI और जगुआर लड़ाकू विमानों की नजर लगभग 50km थी, वहीं एलएसी के सीमावर्ती के ठिकानों में हवा में उन हथियारों को मारने के लिए एक श्रृंखला को रखा गया था।

आपकी प्रतिक्रिया क्या है?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow