रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद क्या बोले पीएम मोदी, जानिए सिलसिलेवार

संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने देशवासियों को राम के गुणों को आत्मसात करने की भी अपील की है। और कहा कि, हर युग में लोगों ने राम को अपने हिसाब से जीया है। वहीं, हर युग के हिसाब से लोगों ने राम की अभिव्यक्त किया है। ये राम रस जीवन प्रवाह की तरह हमेशा बहता रहता है।   

जनवरी 22, 2024 - 18:06
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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद क्या बोले पीएम मोदी, जानिए सिलसिलेवार
pm modi

आज का दिन देशवासियों के लिए खास रहा। सोमवार को अयोध्या में रामलला लंबे समय के बाद टेंट से मंदिर में विरजमान हो गए है। प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण देते हुए कहा कि, आज हमारे राम आ गए है। राम भगवान सदियों की प्रतिक्षा के बाद आए है। इस अवसर पर मेरा कंठ अवरूद्ध है। आज से रामलला टेंट में नहीं बल्कि भव्य मंदिर में ही रहेंगे। आगे उन्होंने कहा कि, आज से हजारों साल बाद भी लोग आज की तारिख को पर हमेशा चर्चा करेंगे। राम की कितनी बड़ी कृपा है कि, आज के इस पल को हम आराम से जी रहे है और इसे साक्षात घटित होते हुए अपनी आखों से देख रहे है। 

संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने देशवासियों को राम के गुणों को आत्मसात करने की भी अपील की है। और कहा कि, हर युग में लोगों ने राम को अपने हिसाब से जीया है। वहीं, हर युग के हिसाब से लोगों ने राम की अभिव्यक्त किया है। ये राम रस जीवन प्रवाह की तरह हमेशा बहता रहता है।   

राम आए तो आग लग जाएगी- पीएम मोदी

.पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि, पहले लोग कहते थे कि, राम मंदिर बना तो देश में आग लग जाएगी। लेकिन राम आग नही है, वह तो एक ऊर्जा है। राम किसी प्रकार का विवाद नहीं बल्कि समाधान है। भारत के अलावा कई देशों ने इतिहास को फिर से खोलने की कोशिश की तो परिस्थितियां जटिल हो गई। लेकिन भारत ने बड़ी परिपक्वता के साथ इतिहास को खोला भी है और उसे सुलझाने का काम भी किया है। जो इस  बात का गवाह है कि, देश का भविष्य उज्जव है। जो लोग कहते थे कि, राम मंदिर बना तो देश में आग लग जाएगी, उन लोगों से कहना चहता हूं कि, आइए इसे महसूस कीजिए.... राम आग नहीं बल्कि प्यार लेकर आता है, विवाद नहीं। 

राम मंदिर, भारत के दर्शन का

राम रे चरित्र की व्याख्या करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ये जो मंदिर बना है, वह एक देव मंदिर नहीं है। ये संपूर्ण भारत का एक दर्शन और दिग्दर्शन का मंदिर है। ये राम के रूप में पूरे देश की चेतना का मंदिर है। वहीं, राम भारत की आस्था है और उसका आधार, विचार, विधान, चिंतन, प्रताप, प्रवाह, नेति, नीति नित्यता, निरंतरता, व्यापक और विश्वात्मा है। 

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