20 फीट ऊंची लहरें, 200 किमी से अधिक रफ्तार से चली हवाएं, 'भोला' तूफान ने निगल लिया लाखों लोगों को

मौतों का आंकड़ा भी नहीं गिना जा सकता था। ये आंकड़ें तो अनुमानीत है। इस तूफान को अब तक का सबसे खतरनाक और जानलेवा कहा जाता हैं। क्योंकि यह अपने साथ भयंकर तबाही लेकर आया था। इस तूफान को "द ग्रेट भोला" के नाम से जाना जाता है।

जून 9, 2023 - 21:45
अगस्त 10, 2023 - 10:03
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20 फीट ऊंची लहरें, 200 किमी से अधिक रफ्तार से चली हवाएं, 'भोला' तूफान ने निगल लिया  लाखों लोगों को

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। करीब 53 साल पहले एक ऐसा शक्तिशाली तूफान आया था। जिसने लाखों लोगों को निगल लिया था। तूफान इतना भयंकर था कि, मौतों का आंकड़ा भी नहीं गिना जा सकता था। ये आंकड़ें तो अनुमानीत है। इस तूफान को अब तक का सबसे खतरनाक और जानलेवा कहा जाता हैं। क्योंकि यह अपने साथ भयंकर तबाही लेकर आया था। इस तूफान को "द ग्रेट भोला" के नाम से जाना जाता है।

कहां पर आया था ये तूफान

8 नवंबर 1970 में पूर्वी पाकिस्तान मे ये तूफान बंगाल की खाड़ी में बनना शुरू हुआ था। इसने 12-13 नवंबर के बीच पूर्वी पाकिस्तान के तट से टकराने की वजह से विकराल रूप धारण कर लिया था। तूफान इतना शक्तिशाली था कि, समंदर में 20 फीट ऊंची लहरें उठने लगी थी। वहीं, हवाएं तकरीबन 200 से अधिक किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगी थी। तटीय और गंगा डेल्टा के निचले मैदान में रहने वाले लोगों में से करीब 3 से 5 लाख लोगों की जान चली गई थी। वहीं, हजारों लोग बुरी तरह से जख्मी हो गए थे।

भोला तूफान में मारे गए लोगों का कोई आधिकारिक और सटीक आंकड़ा नहीं है। वर्ल्ड मीटियरोलॉजिकल ऑर्गनाइजेश (WMO) ने इस खतरनाक तूफान में तीन से पांच लाख लोगों की मौत होने का अनुमान लगाया है।

इस प्रकार हुआ भयंकर नुकसान

  • इस बड़ी आपदा को समझने के लिए सबसे पहले पूर्वी पाकिस्तान को समझना होगा, जो अब बांग्लादेश है। ये देश हमेशा से ही चक्रवाती तूफानों का शिकार रहा है।
  • गौरतलब है कि, इस देश का 35 प्रतिशत क्षेत्र समुद्र से 6 मीटर (20 फीट) से भी कम ऊंचाई पर बसा हुआ है। इसका 20 प्रतिशत भाग हर साल बाढ़ जैसी आपदा की चपेट में आ जाता है। इसके 575 किलोमीटर का एरिया आसानी से तूफान का शिकर हो जाता है।
  • देश में हर वर्ष औरतन पांच तूफान आते है। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, बांग्लादेश के 85 प्रतिशत घरों को उजाड़ दिया था।

13 द्वीपों तक कोई नहीं बचा जिंदा

  • बताया जा रहा है कि, चिटगांव में मौसम केंद्र ने शुरूआत में 144 किलोमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से हवाएं दर्ज की थी। इसके 45 मिनट बाद हवाओं की रफ्तार बढ़कर 222 किलोमीटर प्रतिघंटा हो गई थी।
  • जैसे ही भयनक भोला तूफान बांग्लादेश के तटीय इलाकों से टकराया, वैसे ही समंदर में 10 मीटर (33 फीट) ऊंची लहरें उठना शुरू हो गई थी।
  • उस समय रेडियो पाकिस्तान ने दावा किया था कि, चिटगांव के पास बने 13 द्वीपों में एक भी व्यक्ति जिंदा नहीं बचा था। वहीं बंदरगाहों पर समुद्री जहाज पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। इसके साथ ही एयरपोर्ट और कॉक्स बाजार में कई घंटों तक 1 मीटर से अधिक पानी भरा रहा था।
  • इस आपदा में 36 लाख लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए थे। क्षेत्र के 77,000 मछुआरों में से 46,000 हजार मारे गए थे। बाकि जो जिंदा बच गए थे, वो बुरी तरह से जख्मी हो गए थे। करीब तटीय इलाके के 65 फीसदी मछली उद्योग पूरी तरह से तहस नहस हो गए थे।

इस तूफान का भारत पर कितना हुआ असर

  • मौसम विभाग की रिपोर्ट बताती है कि, नवंबर 1970 में आए भयंकर भोला तूफान का असर भारत में कुछ गंभीर नही हुआ था। हालांकि, इस तूफान की वजह से तटीय क्षेत्रों के आसपास भारी बरसात होना शुरू हो गई थी।
  • भारी बारिश होने के कारण पश्चिम बंगाल और दक्षिणी असम इसकी चपेट में आ गए थे। इन दोनों राज्यों में वर्षा होने के कारण सैकड़ों घर और फसल तबाह हो गई थी।
  • आगे उन्होंने बताया कि, 12 नवंबर को समंदर में एक मालवाहक जहाज डूब गया था। इसमें 50 लोग सवार थे, जो सारे के सारे मर गए थे। यह जहाज साढ़े पांच हजार टन वजनी था, जो कलकत्ता से कुवैत की ओर जा रहा था।

भोला तूफान की वजह से बना बांग्लादेश

  • इस तूफाने के आने से करीब एक महीने पाकिस्तान में आम चुनाव होने वाले थे। भयंकर तूफान आने से चुनावों को जनवरी 1971 तक रोक दिया गया था।
  • इस आपदा की वजह से पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सैन्य शासन के खिलाफ असंतोष को बढ़ा दिया था। वहीं, पाकिस्तान सरकार की मदद से भी लोग नाखुश थे।
  • सरकार से नाखुश होने की वजह से वहां के आवामी लीग पार्टी के नेता शेख मुजीबुर्रहमान की अगुवाही में आंदोलन चल रहा था और मार्च आते-आते यहां हालात गृहयुद्ध जैसे हालात बन गए थे। इस वजह से पाकिस्तान सरकार ने सेना भी उतार दी थी।
  • हालात इतने बेकाबू हो गए थे कि, दिसंबर 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध भी हो गया था। इस जंग की वजह से पाकिस्तान दो भागों में बट गया था और बांग्लादेश को एक नया देश बना दिया गया था।

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