ASI द्वारा भोजशाला परिसर का सर्वेक्षण शुरू, कोर्ट ने दिए थे आदेश
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अदालत के आदेश के बाद मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला (जिसे कमल मौला मस्जिद भी कहा जाता है) परिसर में अपना सर्वेक्षण शुरू कर दिया है।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(ASI) ने अदालत के आदेश के बाद मध्य प्रदेश के धार में भोजशाला (जिसे कमल मौला मस्जिद भी कहा जाता है) परिसर में अपना सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। पुलिस की भारी मौजूदगी के बीच एएसआई की एक दर्जन सदस्यीय टीम सुबह जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ आदिवासी बहुल धार जिले में स्थित परिसर में पहुंची।
'भोजशाला में सर्वेक्षण शुरू हो गया' (Survey started in Bhojshala)
पुलिस एक अभ्यास कर रही होगी जबकि पुरातत्व सर्वेक्षण टीम साइट पर खोज कर रही होगी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा, “भोजशाला में सर्वेक्षण शुरू हो गया है। हमने एएसआई टीम को इसके संचालन के लिए आवश्यक सभी साजो-सामान सहायता प्रदान की है। अभ्यास के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए गए और शहर में शांति है।”
'छह सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट पेश करने की उम्मीद' (Expected to submit a report within six weeks)
याचिकाकर्ता ने कहा, "हमने मई 2022 में अदालत में एक याचिका दायर की थी। अदालत ने कार्बन डेटिंग सहित नवीनतम तकनीक का पूर्ण उपयोग करने के निर्देश जारी किए हैं। एएसआई अधिकारियों की पांच सदस्यीय टीम से छह सप्ताह के भीतर एक रिपोर्ट पेश करने की उम्मीद है।" भोजशाला के सर्वेक्षण की मांग करते हुए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस के आशीष गोयल ने कहा।
'दो समुदायों के बीच विवाद का कारण' (Cause of dispute between two communities)
11 मार्च को, मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने एएसआई को उसके आदेश जारी होने के छह सप्ताह के भीतर भोजशाला परिसर का 'वैज्ञानिक सर्वेक्षण' करने का निर्देश जारी किया। यह परिसर, जो दो समुदायों के बीच विवाद का कारण है, एक मध्ययुगीन युग का स्मारक है जो हिंदुओं के अनुसार देवी वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, जबकि मुस्लिम इसे 'कमल मौला मस्जिद' कहते हैं।
7 अप्रैल, 2003 को जारी एएसआई के एक निर्देश के अनुसार, हिंदुओं को मंगलवार को परिसर के अंदर पूजा करने का अधिकार दिया गया है, जबकि मुस्लिम समुदाय के लोग हर शुक्रवार को साइट पर नमाज अदा कर सकते हैं।
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