कोरोना से घातक Disease X, इस नई महामारी से निपटने के लिए कोविड पैनल चीफ ने बनाया ये प्लान

डिजीज एक्स (Disease X) को रोकने की दूसरी रणनीति संभावित रोगजनकों की एक सूची तैयार करना है। इसके लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) अन्य विभागों के साथ मिलकर पहले से ही सूची और रणनीतियों पर काम कर रहा है।

अक्टूबर 3, 2023 - 19:25
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कोरोना से घातक Disease X, इस नई महामारी से निपटने के लिए कोविड पैनल चीफ ने बनाया ये प्लान
Disease X

डिजीज X: कोविड-19 के बाद अब डिजीज एक्स (Disease X) ने चिंता में डाल दिया है। बताया जा रहा है कि, यह कोरोना से खतरनाक है। इसी के प्रकोप को रोकने के उद्देंश्य से भारत में अपने जीनोमिक निगरानी निकाय (INSACOG) के दायरे को बढ़ाने की योजना बन रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, निकाय के सह-अध्यक्ष डॉ. एनके अरोड़ा ने बाताया कि, डिजीज एक्स को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने एक काल्पनिक बताया है। जो एक नए रोग फैलाने वाला वायरस या बैक्टीरिया से नई महामारी को जन्म देने का कारण बनता है। जो पहली महामारी की तुलना में अधिक गंभीर होती है। लेकिन फिलहाल ऐसा कोई रोगजनक उपस्थित नही है। मगर भविष्य को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से एक उचित कार्य योजना तैयार करना है। 

महामारी के प्रकोप से घबराएं नहीं

आगे अरोड़ा ने सरल भाषा में कहा कि, कोविड-19 फैलने से पहले मानव जाति के लिए एक डिजीज एक्स था। ऐसी ही अज्ञात बिमारियों की चुनौतियों का सामना करने के लिए अब दुनिया को पहले से तैयार रहना होगा। ताकि नई महामारी के प्रकोप के समय किसी प्रकार से घबराएं नही। बता दें, डॉ. अरोड़ा नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रप ऑफ इम्यूनाइजेशन (NTAGI) के प्रमुख भी है। नई बिमारियों के प्रकोप से लड़ने के लिए हम चार रणनीतियां बना रहे है।

भारत नही दुनिया स्तर पर गंभीरता 

आगे उन्होंने बताया कि, जो चार रणनितियां बनाई जा रही है। उन्हें भारत ही नही बल्कि दुनिया के स्तर पर गंभीरता से लेने की जरूरत है। व्यापक स्तर पर भी निगरानी रखने की बहुत जरूरी है। इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के जरिए रोग फैलाने वाले वायरस या फिर वैक्टीरिया की जीनोमिक पर नजर बढ़ाने की जरूरत है। 

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इन चार रणनीति पर काम कर रहे है

  • भारत भर में SARS-CoV-2 वायरस के संपूर्ण जीनोम सीक्वेंसिंग (genome sequencing) को बढ़ाने के लिए INSACOG की स्थापना की गई है। यह प्रयोगशालाओं (RGSLs) का एक राष्ट्री बहु-एजेंसी संघ है।
  • डिजीज एक्स को रोकने की दूसरी रणनीति संभावित रोगजनकों की एक सूची तैयार करना है। इसके लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) अन्य विभागों के साथ मिलकर पहले से ही सूची और रणनीतियों पर काम कर रहा है। भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC) की टीम ने बैंहलोर बायोइनोवेशन सेंटर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Biotechnology) और कर्नाटक सरकार के साथ मिलकर 32 संभावित रोगजनकों की पहचान की है। 
  • तीसरी, अगर जरूरत पड़ने पर भारत कम से कम समय में टीके तैयार करने में सक्षम होना चाहिए, ताकि बिमारी अधिक न फैले। जैसा देश नें कोविड-19 महामारी के प्रकोप के दौरान किया था।
  • चौथी रणनीति, प्रभावी दवाओं और विशेष रूप से एंटीवायरल दवाओं को खोजने पर काम को जारी रखना होगा। 

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