Attack On Chandrashekhar : भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर के काफिले पर हमला, कमर को छूकर निकली गोली
आर्मी चीफ शेखर जिस गाड़ी में बैठे थे। उस गाड़ी के दरवाजे से गोली पार होकर उनकी कमर को छूते हुए निकल गई थी। गोली अगर और थोड़ी पिछे की तरफ लगती तो उनकी जान भी चली जाती।
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। प्रदेश के सहारनपुर में आजाद समाज पार्टी-कांशीराम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भीम आर्मी चीफ चंद्र शेखर आजाद के काफिले पर कुछ अवांच्छित कारको ने हमला कर दिया। हमला इतना खतरना था कि, उनकी जान भी जा सकती थी। इस दौरान आर्मी चीफ शेखर जिस गाड़ी में बैठे थे। उस गाड़ी के दरवाजे से गोली पार होकर उनकी कमर को छूते हुए निकल गई थी। गोली अगर और थोड़ी पिछे की तरफ लगती तो उनकी जान भी चली जाती।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमला सहारनपुर के मुस्लिम बाहुल्य देवबंद इलाके का बताया जा रहा है। रास्ते में पहले से ही कुछ लोग घात लगाए बैठे थे। उनके पास कई हथियार बताए जा रहे है। हमलावरों ने फायरिंग इतनी जबदस्त की थी। जिसमें कार के शीशे टूट कर निचे गिर गए। हालांकि, चंद्रशेखर का इलाज अस्पताल में चल रहा है।
हरियाणा की नंबर प्लेट
मिली जानकारी के अनुसार, जिस गाड़ी से हमलावर आए थे, उस कार का नंबर हरियाणा का बताया जा रहा है। इस दर्दनाक हमले की जानकारी आजाद समाज पार्टी-कांशीराम ने ट्वीट के जरिए दी है। जिसमें लिखा है कि, देवबंद में चंद्रशेखर आजाद पर जानलेवा हमला किया गया है। इसके पिछे बहुजन मिशन मूवमेंट को रोकने का कारयराना काम किया जा रहा है। आगे लिखा है कि, आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करके उन पर सख्त कार्रवाई की जाए और राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर की सुरक्षा बढ़ाने की मांग करते है।
काफिले पर हथियारबंद लोगों ने किया हमला
सहारनपुर के एसएसपी डॉ. विपिन ताड़ा (SSP Dr. Vipin Tada) के मुताबिक, यह घटना मंगलवार शाम 5 से 6 बजे के बीच की है। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर के काफिले पर कुछ अपवादों एक कार में हरियार के साथ आए। इसके बाद उन्होंने गाड़ी पर अचानकर गोलीबारी शुरू कर दी। एक गोली कार के दरवाजे को चीरते हुए कमर को छूकर निकल गई। फिलहाल वह ठीक है और उन्हें इलाज के लिए सीएचसी ले जाया गया है। इस पूरे मामले की पुलिस जांच कर रही हैं।
भीम आर्मी का कब हुआ गठन
भीम आर्मी का गठन 2014 में किया गया था। इसे तीन लोगों ने मिलकर बनाया है। जिसमें चंद्रशेखर आजाद, सतीश कुमार और विनय सिंह के साथ मिलकर किया गया था। इस संगठन का मुख्य कार्य भारत में दलित हिंदुओं को शिक्षा के जरिए जगरूक करने का काम किया जाता है। यह संगठन पश्चिमी में दलितों के लिए कई हाई स्कूल चला रहे है। वहीं, चंद्रशेखर एक राजनैतिक शख्सियत के साथ-साथ एक वकील भी हैं। जहां भी दलितों पर अन्यय होता है वे बिना डरे उनको न्याय दिलाने के लिए चले जाते हैं।
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