महाकाल लोक बनने के बाद मंदिर बना अरबपति, कैसे होती है इनकम, जानिए
उज्जैन महाकाल मंदिन ने इनकम के मामले में नया रेकॉर्ड बना लिया है। महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद मंदिर अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हो गया है।
Ujjain Mahakal Temple News: मध्य प्रदेश का उज्जैन महाकल मंदिर इनकम के मामले में अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हो गया है। यह महज 8 महीने के भीतर हुआ है। बताया जा रहा है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को महाकाल लोक का लोकार्पण किया है। तब से आय में भारी बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही है। उद्घाटन के बाद से ही विदेशी भक्तों को जमावड़ा अधिक होने लगा है। साथ ही भारतीय भी अधिक संख्या में महाकाल के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। वहीं बताते चलते है कि, इस साल महाकाल के दर्शन के लिए कई भारतीय क्रिकेटर्स और फिल्म अभिनेता-अभिनेत्रियां पहुंची है।
महाकाल मंदिर की कैसे होती है आय
महाकाल के दर्शन करने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने को पहुंच रहे है। इस दौरान वे दिल खोलकर दान करते है। लेकिन मंदिर की आय की बता की जाएं तो इसमें केवल दान करना शामिल नही है। इसमें गर्भगृह दर्शन, शीघ्र दर्शन, भस्म आरती लड्डू बिक्री, विशेष अनुमति सहीत दान पेटियां शामिल है। इनके अलावा अब ऑनलाइन सुविधा भी शुरू हो गई है।
8 महीने में 1 अरब से अधिक की इनकम
मिली जानकारी के मुताबिक, मंदिर समिति को 1 अरब 35 करोड़ 66 लाख, 91 हजार की आय हुई है। यह इनकम 1 जनवरी से 12 सितंबर 2023 तक की है। इसमें भक्तों ने गर्भगृह दर्शन, भस्म आरती, शीघ्र दर्शन, अनुमति, दान पेटियां, लड्डू बेचना शामिल है। इस दौरान करीब 3 करोड़ 50 लाख श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने पहुंचे। बता दें, मंदिर की इनकम बढ़ने के साथ समिति का तीन गुना खर्च भी बढ़ा है।
महाकाल की एक साल में इतनी हुई आय
अगर साल 2022-23 की बात की जाएं तो ये आंकड़े भी चौंकाने वाले सामने आए है। सितंबर 2022 से 31 अगस्त 2023 तक महाकाल मंदिर की आय 1 अबर 80 करोड़ की हुई थी। वहीं, सितंबर 2021 से अगस्त 2022 तक कुल 81 करोड़ की इनकम हुई थी। बता दें, इस साल खत्म होने में तीन माह बचे है। इस साल की इमकम और भी बढ़ने वाली है।
महाकाल मंदिर का खर्च
महाकाल लोक के लोकार्पण के पहले मंदिर का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर था। उसके बाद विस्तार करने पर 47 हेक्टेयर हो जाएगा। मंदिर समिति में कुल 306 कर्मचारी काम करते है। उनकी सैलरी से लेकर मंदिर सुरक्षा, साफ-सफाई, कई नए निर्माण, मंदिर का रख रखाव, पर्व पर व्यवस्था, धर्मशाला, अन्न क्षेत्र, महाकालेश्वर वैदिक शोध संस्था, गोशाला, सांस्कृतिक कार्यक्रम पर सबसे अधिक व्यय होता है। लोक निर्माण के पहले तक प्रतिदिन 2.5 करोड़ रूपये का खर्च होता था। लेकिन उसके बाद से प्रतिदिन 8 करोड़ रूपये हो गया है।
ये भी जान लीजिए
- इस साल के सावन-भादौ में 25.10 करोड़ रूपये की आई हुई थी।
- 1 जनवरी से 12 सितंबर तक 38 करोड़, 56 लाख, 34 हजार 888 रूपये के लड्डू बिके।
- बीते 5 महीने में 91 करोड़ रूपये की आय हुई।
- बीते 8 महीने में 3 करोड़ 50 लाख भक्तों नें बाबा के दर्शन किए है। ये आंकड़ा 1 जनवरी से 12 सितंबर 2023 के बीच का है।
- ऑनलाइन सुविधा भी हुई शुरू। इसमें एडवांस बुकिंग, दान, गर्भगृह दर्शन, शीघ्र दर्शन, भस्म आरती, अनुमति इस सभी को ऑनलाइन कर दिया है।
- सिंहस्थ कुंभ का रेकॉर्ड टूट गया है। 22 अप्रैल से 21 मई 2016 को कुंभ का आयोजन हुआ था। उसमें 8 करोड़ भक्त पहुंचे थे। उनमें से 1.75 करोड़ श्रद्धालुओं नें बाबा के दर्शन किए। मंदिर प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि, 4 जुलाई से 11 सितंबर 2023 तक 2 करोड़ 39 लाख 58 हजार भक्तों ने महाकाल के दर्शन किए।
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