first traffic signal: कौन है ट्रैफिक लाइट के जनक, कब हुआ आविष्कार, कहां से आया आइडिया, पढ़िए

ये दौर 1868 का है, उन दिनों लंदन (London) में घोड़े (horses), बग्घी (carriages) और इक्के (aces) पर लोग चला करते थे। इनसे पूरा रास्ता खचाखच भार होने के कारण पैदल चलने वालों को मुश्किल से रास्ता मिल पाता था। सबसे अधिक मुश्किल भीड़-भाड़ वाले पार्लियामेंट स्क्वायर पर हुआ करती थी। यहां पर आए दिन कोई न कोई शख्स घोड़ों की चपेट में आ जाते थे। उस समय सुरक्षा के लिए इतनी पुलिस भी नहीं हुआ करती थी, जो Traffic Control कर सकें। इस समस्या को सुलजाने के लिए Traffic Signal का आइडिया आया। 

मई 26, 2024 - 15:58
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first traffic signal: कौन है ट्रैफिक लाइट के जनक, कब हुआ आविष्कार, कहां से आया आइडिया, पढ़िए
First Traffic Signal

Invention Of Traffic Light: ट्रैफिक सिग्रल (traffic signal) शहरों में देखने को मिलता है। इस बदलते दौर में कई लोगों को इसकी वजह से घर पर या फिर मोबाइल पर e-challan भी गया है। लेकिन कभी किसी ने सोचा नहीं होगा कि, इसका अविष्कार किसने किया है और शुरूआत कहां से हुई है और आखिर लाल, पीली और हरी बत्ति के कलर को ही क्यों चुना गया है। आज इस आर्टिकल की मदद से समझने वाले है। अगर यह जानकारी आपके लिए है तो ध्यान पूर्वक पढ़ें...

कैसे आया ट्रैफिक सिग्रल का आइडिया (How did the idea of traffic signal come about?)

ये दौर 1868 का है, उन दिनों लंदन (London) में घोड़े (horses), बग्घी (carriages) और इक्के (aces) पर लोग चला करते थे। इनसे पूरा रास्ता खचाखच भार होने के कारण पैदल चलने वालों को मुश्किल से रास्ता मिल पाता था। सबसे अधिक मुश्किल भीड़-भाड़ वाले पार्लियामेंट स्क्वायर पर हुआ करती थी। यहां पर आए दिन कोई न कोई शख्स घोड़ों की चपेट में आ जाते थे। उस समय सुरक्षा के लिए इतनी पुलिस भी नहीं हुआ करती थी, जो Traffic Control कर सकें। इस समस्या को सुलजाने के लिए Traffic Signal का आइडिया आया। 

पहले ट्रैफिक सिग्नल की शुरूआत कहां से हुई (Where did the first traffic signal originate?)

दुनिया का पहला ट्रैफिक सिग्नल 10 दिसंबर 1868 में लंदन के Parliament Square पर लगाया गया था। लेकिन आज हम जिस प्रकार के सिग्रन देखते है, उनसे बहुत ही अलग होते थे। अब कभी कल्पना भी नहीं कर सकते है कि, उन दिनों कैसे ट्रैफिक सिग्नल होते थे। उस समय के सिग्नल को रेवले सिस्टम की तरफ से मैन्युअल ऑपरेट किया जाता था। एक खंभे जैसे दिखने वाले पाइप में दो तरह की लाइट Read और Green हुआ करती थी, जो गैस से चलती थी। एक Traffic Police पाइप के जरिए इसमें Gas भरता और फिर इसको ऑपरेट करता था। 

इस प्रकार का ट्रैफिक सिग्नल बेहद खतरान था। एक समय पाइप में गैस भरने के दौरान जोरदार धमाका हुआ। इस हादसे में ऑपरेटर बुरी तरह से जख्मी हो गया था। इसके बाद से करीब 50 साल तक ट्रैफिक सिग्नल पर बैन सा लग गया था।  

दोबारा ट्रैफिक लाइट्स की कब हुई शुरूआता (When did traffic lights start again?)

ब्रिटेन (Britain) में साल 1929 से traffic signal की दौबारा से शुरूआता हुई। लेकिन इसके पहले 1921 में अमेरिका (America) के डेट्रायट में पुलिस अधिकारी विलियम पॉट (William Pott) ने तीन लाइट वाले ट्रैफिक सिग्रल का आविष्कार कर दिया था। वहीं, साल 1923 में अफ्रीकी-अमेरिकी वैज्ञानिक गैरेट मोर्गन (Garrett Morgan) ने बीजली से चलने वाले ट्रैफिक सिग्रल को बनाया। इसको उन्होंने जनरल इलेक्ट्रिक (General Electric) को 40 हजार डॉलर में बेच दिया। इसके बाद से ही दुनिया के दूसरे देशों में ट्रैफिक सिग्रल लगने शुरू हो गए। 

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ट्रैफिक लाइट के कलर का आइडिया कहां से आया (Where did the idea of traffic light color come from?)

Traffic Lights में पहले रेड और ग्रीन कलर का इस्तेमाल किया जाता था। वेबसाइट livescience की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरूआत में ट्रैफिक सिग्नल के लिए केवल दो कलर यूज किया गया। और इनका आइडिया समुद्री जहाज के नेविगेशन सिस्टम से आया था। समुद्र में जहाज रेड और ग्रीन लाइट का उपयोग सिग्रल के लिए करते है, ताकि दो क्रू आपस में टक्कर नहीं हो जाएं, और इससे यह भी पता चलता है कि, जहाज किस दिशा में आगे बढ़ रहा है। 

ट्रैफिक लाइट्स में मजे की बात यह थी कि, शुरूआत में यलो लाइट नहीं हुआ करती थी। साल 1921 में विलियम पॉट ने यलो यानी तीसरे लाइट को शामिल किया था, जो एक तरीके से अलर्ट करने का सूचक है। वहीं, रेड लाइट रूकने का और ग्रीन लाइट चलने का सूचक है। 

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