होली पर केमिकल, पक्के कलर और धूप से यूं बचाएं अपने बच्चे को
देश भर में होली की तैयारियां शुरू हो चुकी है। शहर के बाज़ारों में होली की रौनक दिखना शुरू हो गई है। इस दिन का सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहता है। इस दिन सभी दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ रंगों से खेलते है और बाहर घूमने जाते है।
देश भर में होली(Holi festival) की तैयारियां शुरू हो चुकी है। शहर के बाज़ारों में होली की रौनक दिखना शुरू हो गई है। इस दिन का सभी को बेसब्री से इंतज़ार रहता है। इस दिन सभी दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ रंगों से खेलते है और बाहर घूमने जाते है। हालांकि, आज-कल होली में केमिकल और पक्के कलर का उपयोग बढ़ चूका है। इसीलिए जरुरी है कि हम अपना खुद का और अपने बच्चों का विशेष ध्यान रखें कि इन केमिकल वाले कलर से उन्हें कोई समस्या ना हों।
त्वचा के अनुकूल रंगों का उपयोग करें: प्राकृतिक, हर्बल या जैविक रंगों का चयन करें जो त्वचा पर कोमल हों और धोने में आसान हों। पक्के रंगों का उपयोग करने से बचें, क्योंकि वे त्वचा में जलन या एलर्जी पैदा कर सकते हैं।
पूरी बाजू के कपड़े पहने: रंगों के साथ सीधे संपर्क को कम करने के लिए बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े और मोटे कपड़े से बने पैंट पहनने के लिए प्रोत्साहित करें। हल्के रंग के कपड़े रंगों के कारण होने वाली किसी भी संभावित त्वचा जलन की पहचान करने में भी मदद कर सकते हैं।
हाइड्रेटेड: हाइड्रेटेड रहने के लिए बच्चों को उत्सव से पहले और उत्सव के दौरान खूब पानी पीने की याद दिलाएं, खासकर यदि वे लंबे समय तक धूप में बाहर खेल रहे हों। क्यूंकि होली के वक़्त धुप काफी तेज रहती है।
गुब्बारे के उपयोग से बचें: बच्चों को रंगीन पानी से भरे गुब्बारे का उपयोग करने या दूसरों के चेहरे पर जबरदस्ती रंग पाउडर लगाने से परहेज करने कहें। ऐसी हरकतों से आकस्मिक चोट या असुविधा हो सकती है।
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