होलिका दहन मुहूर्त: क्या कहता है हिंदू पंचाग, सिर्फ 1 घंटा 20 मिनट का मुहूर्त, जानें पूरी डिटेल

होलिका दहन भद्रा के बाद मध्य रात्रि 11.13 से मध्य रात्रि 12.33 बजे के मध्य होगा। होलिका दहन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi Yog) और रवि योग (Ravi Yog) बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07.34 बजे से शुरू होकर अगली सुबह 06.19 बजे तक रहेगा। वहीं, रवि योग की बात करे तो सुबह 06.20 से शुरू होकर अगले दिन सुबह 07.34 बजे तक रहेगा।

मार्च 24, 2024 - 11:40
 0
होलिका दहन मुहूर्त: क्या कहता है हिंदू पंचाग, सिर्फ 1 घंटा 20 मिनट का मुहूर्त, जानें पूरी डिटेल
होलिका दहन मुहूर्त

हर साल मार्च में होली मनाई जाती है। इस वर्ष 24 मार्च यानी आज होलिका दहन मनाया जाएगा। होली खेलने से एक दिन पहले होलिका दहन होती है, जिसमें लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है। ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, हिंदू पंचांग में इस बार होलिका दहन के लिए 1 घंटा 20 मिनट का समय ही मिलने वाला है। रविवार के दिन भद्रा प्रात: 9.55 से शुरू होकर मध्य रात्रि 11.13 बजे तक भूमि लोक की रहेगी।

होलिका दहन भद्रा के बाद में (After the Holika Dahan Bhadra)

होलिका दहन भद्रा के बाद मध्य रात्रि 11.13 से मध्य रात्रि 12.33 बजे के मध्य होगा। होलिका दहन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi Yog) और रवि योग (Ravi Yog) बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07.34 बजे से शुरू होकर अगली सुबह 06.19 बजे तक रहेगा। वहीं, रवि योग की बात करे तो सुबह 06.20 से शुरू होकर अगले दिन सुबह 07.34 बजे तक रहेगा। पूर्णिमा तिथि 24 मार्च सुबह 8.13 से शुरू हो गया है, जो अगले दिन 25 मार्च सुबह 11.44 बजे तक रहने वाला है। 

कब है होलिका दहन मुहूर्त (When is Holika Dahan Muhurta?)

इस साल होलिका दहन का शुभ मुहूर्त भद्रा के खत्म होने के बाद रात्रि 11.13 बजे से रात्रि 12.33 बजे तक रहेगा, यानि होलिका दहन के लिए 1 घंटा 20 मिनट में शुभ मुहूर्त का समय समाप्त हो जाएगा। 

Also Read: IPL: रोमांचक मुकाबले में कोलकाता ने दर्ज की जीत, हर्षित राणा ने किया कमाल

होलिका दहन की विधि (Method of Holika Dahan)

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, होलिका दहन के लिए तैयारियां कई दिनो पहले से शुरू होने लग जाती है। इसके लिए एक स्थान पर लकड़ियां, उपले और अन्य जलाने की सामग्री एकत्रित की जाती है। इसके बाद शुभ मुहूर्त वाले दिन विधिवत रूप से पूजन करते हुए होलिका में आग लगा दी जाती है। इसके बाद जलती हुई होलिका की परिक्रमा करते हुए पूजा सामग्री होली में डालते है। 

आपकी प्रतिक्रिया क्या है?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow