श्रमिक संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल अभी तक कितनी बार बुलाई, इन मांगों को लेकर सरकार का घेराव

श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया को 17 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था, इसमें से मुख्य मांगे थी कि सरकार वार्षिक श्रम सम्मेलन पिछले 10 सालों से आयोजित नहीं करवा रही है। इसके अलावा चार नई श्रम संहिताएं लागू कर्माचारियों....

जुलाई 9, 2025 - 10:36
जुलाई 9, 2025 - 10:43
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श्रमिक संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल अभी तक कितनी बार बुलाई, इन मांगों को लेकर सरकार का घेराव
देशव्यापी हड़ताल का आह्वन

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज के दिन 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और सहयोगी इकाइयों ने देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की है, जिसमें बैंकिग, बीमा, कोयला खनन, राजमार्ग और निर्माण क्षेत्रों में काम करने वाले कर्माचारी शामिल होंगे। ये कर्मचारी केंद्र सरकार की मजदूरी, किसान और राष्ट्र विरोधी नीतियों का विरोध करेंगे। इससे कई जरूरी सेवाएं प्रभावित हो सकती है। बताया जा रहा है कि इस विरोध प्रदर्शन में 25 हजार करोड़ से अधिक कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। दूसरी तरफ बिहार में विधानसभा चुनाव के कुछ ही महीने बचे हुए, वहां वोटर लिस्ट रिवीजन (SIR) को लेकर भी राजनीतिक पार्टियों का संघर्ष जारी है। इस बीच प्रदेश में इंडिया महागठबंधन में शामिल राजनीतिक दलों ने बिहार बंद का ऐलान किया है।  

ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की अमरडीत कौर ने जानकारी देते हुए बताया कि इस हड़ताल में 25 करोड़ से अधिक कर्मचारी शामिल होंगे। 

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इन मांगों को लेकर हो रही हड़ताल

श्रमिक संगठनों के मुताबिक, पिछले साल श्रम मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया को 17 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था, इसमें से मुख्य मांगे थी कि सरकार वार्षिक श्रम सम्मेलन पिछले 10 सालों से आयोजित नहीं करवा रही है। इसके अलावा चार नई श्रम संहिताएं लागू कर्माचारियों के अधिकारों को कमजोर बना रही है, सामूहिक सौदेबाजी, हड़ताल के अधिकार, श्रम कानूनों का उल्लंघन अपराध न मामने वाली जैसी नीतियां मजदूरों के लिए घातक बनती है। साथ ही कहा कि नौकरियों की कमी हो रही, महंगाई और मजदूरी में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। 

हड़ताल से ये सेवाएं हो सकती है प्रभावित

  • कोयला खनन और औद्योगिक उत्पादन
  • बैकिंग और बीमा सेवाएं
  • डाल विभाग
  • राज्य परिवहन सेवाएं
  • सरकारी कार्यालय और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां

ये संस्थाएं खुली रहेगी

  • स्कूल और कॉलेज
  • प्राइवेट ऑफिस
  • ट्रेन सेवाएं, हालांकि, ट्रेनों के समय में बदलाव हो सकता है।

कब-कब देशव्यापी हड़ताल बुलाई

सरकार की निजीकरण, ठेकेदार प्रणाली को बढ़ावा देना और आउटसोर्सिंग के खिलाफ श्रमिक संगठनों ने नवंबर 2020, मार्च 2022, फरवरी 2024 और जुलाई 2025 को मिलाकर ये चौथी बार देशव्यापी हड़ताल हो रही है। 

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