पंकज अपने तीन à¤à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚ में सबसे छोटे थे।
का जनà¥à¤® गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के जेतपà¥à¤° में हà¥à¤† था।
के पिता केशà¥à¤à¤¾à¤ˆ उधास थे, वे दिलरà¥à¤¬à¤¾ (संगीत वादà¥à¤¯à¤¯à¤‚तà¥à¤°) बजाते थे।
संगीत के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उनके पà¥à¤°à¥‡à¤® को देखकर केशà¥à¤à¤¾à¤ˆ उधास ने उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ के राजकोट में संगीत अकादमी में à¤à¤°à¥à¤¤à¥€ कराया।
ने तबला सीखकर अपने करियर की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ की
कॉलेज में थे तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ फरीदा नाम की लड़की से बिलकà¥à¤² फ़िलà¥à¤®à¥€ में पà¥à¤¯à¤¾à¤° हो गया था।
उस वकà¥à¤¤ पंकज उधास गà¥à¤°à¥‡à¤œà¥à¤à¤¶à¤¨ की पढ़ाई कर रहे थे और फरीदा à¤à¤¯à¤° होसà¥à¤Ÿà¥‡à¤¸ थीं।