eShram 2.0: दीपावली से पहले पीएम मोदी मजदूरों को देने जा रहे नई सौगात, ठेके से लेकर इन लोगों को मिलेंगा लाभ

Unnat portal, eshram 2.0 के नाम से जाना जाता है। इस पोर्टल के मकसद की बात करें तो जम्मू-कश्मीर में e-Unnat portal पर सरकारी कार्यालयों में परेशानी मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त और समयबद्ध संबंधित सेवाएं दी जा रही है, ताकि लोगों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े और आसानी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकें। इसी आधार पर ये पोर्टल भी काम कर सकता है। 

अक्टूबर 21, 2024 - 10:12
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eShram 2.0: दीपावली से पहले पीएम मोदी मजदूरों को देने जा रहे नई सौगात, ठेके से लेकर इन लोगों को मिलेंगा लाभ
eShram 2.0

E-Shram 2.0 ‘Advanced Portal’: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देशभर की छोटी-मोटी दुकानों, ठेके पर काम करने वाले और घरों में काम करने वाले मजदूरों को बड़ी सौगात देने वाले है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया 21 अक्टूबर को "ई-श्रम वन स्टॉप सॉलुशन" का शुभारंभ करने वाले है। श्रम और रोजगार मंत्रालय ने एक बायन जारी किया है, जिसमे कहा गया है कि, E-Shram One Stop Solution असंगठित श्रमिकों को विभिन्न शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों तक मजदूरों की पहुंच आसान हो सकें। जिससे उनको मदद करेंगा।  

क्या होता है ई-श्रम 2.0 'उन्नत पोर्टल' (What is e-Shram 2.0 'Unnat Portal')

Unnat portal, eshram 2.0 के नाम से जाना जाता है। इस पोर्टल के मकसद की बात करें तो जम्मू-कश्मीर में e-Unnat portal पर सरकारी कार्यालयों में परेशानी मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त और समयबद्ध संबंधित सेवाएं दी जा रही है, ताकि लोगों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े और आसानी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकें। इसी आधार पर ये पोर्टल भी काम कर सकता है। 

केंद्र सरकार ने अपने उद्बोधन में कहा कि, देश में असंगठित श्रमिकों की संख्या 30 करोंड़ के आसपास है। उनके लिए यह पोर्टल बनाया गया है। इसके माध्यम से मजदूरो के सभा सामजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं के लाभार्थियों की जानकारी को एक ही प्लेटफॉर्म पर लाकर उनका समाधान करना है। इसमें विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और उनके अलावा कई विभागों की 12 योजनाओं को इस पोर्टल से जोड़ा गया है।  

क्या होते है गिग वर्कर्स, इनको बड़ी आर्थिक सुविधा

केंद्र सरकार जल्द ही गिग वर्कर को भी एक बड़ी आर्थिक सुरक्षा देने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय श्रम मंत्री मांडविया ने कहा कि, कार्य आधारित भुगतान पर काम करने वाले वर्कर्स (गिग कामगारों) को पेंशन और हैल्थ इंश्योरेंस सहीत अन्य सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्रदान करने के लिए एक नई पॉलिसी बनाई जा रही है। इस क्षेत्र में काम करने वालों की संख्या लगभग 65 लाख हो सकती है। 

गिग वर्कर उन्हें कहते है, जो कंपनियां अस्थाई आधार पर काम करवाती है। जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के लिए काम करने वाले कामगार या फिर ठेके पर मजदूरी करना वाले अस्थाई कर्मचारियों को गिग वर्कर्स कहा जाता है। 

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