मणिपुर में पुलिस ने महिलाओं को किया भीड़ के हवाले, पीड़िता ने सुनाई आपबीती, जानिए  

मणिपुर में (Manipur) 4 मई को कांगपोकपी जिले (Kangpokpi District) के गांव बी. फाइनोम (पीड़ितों का गांव) पर भीड़ ने हमला कर दिया था। कई लोगों के घर जला दिए और साथ में लूटपाट भी की गई। अपनी जान को बचाने के लिए महिलाए जंगल की तरफ भाग गई थी।

जुलाई 21, 2023 - 02:02
अगस्त 10, 2023 - 10:25
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मणिपुर में पुलिस ने महिलाओं को किया भीड़ के हवाले, पीड़िता ने सुनाई आपबीती, जानिए  

Manipur Viral Video : मणिपुर से दिल का झकझौर करने वाली खबर सामने आई है। तीन महिलाओं को बिना कपड़ों के गांव में घुमाया गया है। उसके बाद उनसे बड़ी बेरहमी से दरिंदगी की गई। इसका वीडियो भी बनाया गया है। जो 19 जुलाई को सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया है। यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसके बाद से अब तक चार आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना की शिकार हुई महिलाओं ने अपनी आपबीती सुनाई।

पीड़ितों में से एक महिला ने बीते गुरूवार को एक मीडिया को आपबीती सुनाते हुए कहा कि, उन्हें पुलिस ने भीड़ के हवाले कर दिया था। इसमें तीन महिलाए घटना का शिकार हुई है। इनमें से एक महिला उम्र महज 20 साल की है, दूसरी 40 साल और तीसरी महिला 50 साल की है। महिला ने आरोप लगाते हुए बताया कि, 4 मई को हमारे गांव में कुछ लोग हमला करने आए थे। इस दौरान पुलिस ने हमें घर से उठाया और थोड़ी दूर तक जाने के बाद भीड़ के हवाले कर दिया। 

हम थे पांच लोग

उन्होंने आगे बताया कि, पुलिस ने हमे घर के पास से उठाया था। उस समय हम पांच लोग थे। जिसमें से भीड़ ने दो लोगों की हत्या कर दी गई और हम तीन महिलाओं पर भीड़ ने बड़ी बेरहमी से क्रूरता की। भीड़ से जैसे-तैसे बच कर हम वहां से भाग निकले। उस भीड़ में मौजूद कुछ ही लोगों को पहचानते है। वहीं उनमें एक महिला के भाई का दोस्त भी था। जो वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हो रहा है। उसके बारें में हमें कुछ भी पता नही है। क्योंकि यहां पर इंटरनेट नहीं चल रहा है। 

गैंगरेप किया, फिर कराई बिना कपड़ों की परेड

इंटरनेट वायरल हो रहा वीडियो में साफ देखा जा रहा है कि, महिलाओं को बिना कपड़ों की परेड कराई जा रही है। वहीं, इस वीडियो में दिखाई दे रहा है। कुछ लोग दो महिलाओं को खेत की तरफ खिच कर ले जा रहे है। उनके साथ जबदस्ती करने की कोशिश की जा रही है। वहीं, 18 मई को एफआईआर दर्ज कराई गई थी। इसमें बताया गया कि, सबसे छोटी महिला जिसकी उम्र 20 वर्ष है। उसके साथ गैंगरेप किया गया हैं।  

लोगों के घर जलाए और की लूटपाट

शिकायत में महिलाओं ने बताया कि, 4 मई को कांगपोकपी जिले के गांव बी. फाइनोम (पीड़ितों का गांव) पर भीड़ ने हमला कर दिया था। कई लोगों के घर जला दिए और साथ में लूटपाट भी की गई। अपनी जान को बचाने के लिए महिलाए जंगल की तरफ भाग गई थी। इसके बाद थौबल पुलिस को इसकी जानकारी मिलने पर उन्हें जंगल में बचाने गई थी। पुलिस उन्हें थाने ले जा रही थी कि, बीच में भीड़ आ गई। उन्होंने उनका रास्ता रोक लिया था। पुलिस थाने से करीब दो किलोमीटर दूर से ही भीड़ ने हिरासत से छुड़ा लिया और फिर उनके साथ ले गई। 

इस वजह से की पिता और भाई की हत्या

आगे महिलाओं ने बताया कि, भीड़ ने हमें पुलिस से छुड़ाने के बाद दरिंदगी करने लगे। इस दौरान पिता और भाई ने इसका विरोध करना शुरू किया। इसके बाद पहले पिता की औ फिर भाई की हत्या कर दी गई। दोनों को मारने के बाद तीनों महिलाओं को बिना कपड़ों के गांव में घुमाने लगे। इस दौरान उनके साथ दुर व्यवहार किया गया और बाद में गैंगरेप किया। 

4 आरोपियों की हुई गिरफ्तारी

इस दरिंदगी का वीडियो सामने आने के बाद देशभर में गुस्सा फूट पड़ा है। वहीं, राज्य की पुलिस ने मामले की कार्रवाई करते हुए बीते गुरूवार सुबह घटना के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया। जिसकी पहचान हुइरेम हेरोदास मैतेई (32 साल) बताया जा रहा है। इसके बाद रात तक इस मामले में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। 

मुख्य आरोपी

संसद में जमकर हुआ हंगामा

इस घटना को लेकर संसद के दोनों सदनों में जमकर हंगामा हुआ। गुरूवार को ही संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ था। हंगामे के दौरान विपक्षी दलों ने मांग की थी कि, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को बर्खास्त किया जाए और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए। वहीं, पूरे राज्य में विरोध मार्च भी निकाला गया। 

क्यों हुई मणिपुर में हिंसा

दरअसल, राज्य में दो महीने पहले कुकी और पैतई समुदाय के बीच जातीय हिंसा हुई थी। जो अब तक जारी है। जिसमें अबतक 150 से अधिक लोगों के मारने की खबर है। सैकड़ों घरों को आग के हवाले कर दिया है और हजारों लोग बेघर हो गए है। इनमें से कई लोग राहत शिविर कैंप में रह रहे है। वहीं, कुछ लोग दूसरे राज्य में रहने वाले रिस्तेदारों के यहां पर जाने की खबर है। ये हिंसा बीती 3 मई को अनुसूचित जनजाति (St) का दर्ज प्राप्त करने के लिए मैतई समुदाय मांग कर रहा था। 

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